Dadi Maa
दादी माँ का क्या कहना है !
सोने -चांदी का गहन हाइ .
दया -धर्म की सूरत दादी .
ममता की है मूरत दादी ... dadi maa
अनुभव की गठरी डैड i.
जीवन की पटरइ है दादी .
माना इसकी उम्र पकी है ,
लेकिन दादी नहीं थकी है .
धीरे -धीरे चलती दादी.
आशीषों में फलती दादी .
पुरे घर का हाथ बंटाती .
जी -भर सब पर नेह लुटाती .
दादी से घर , है घर दादी .
सबसे बड़ी धरोहर दादी .
प्यारी -भरी पिचकारी दादी .
लगाती माँ से प्यारी दादी .
****************
"वो कभी घर था..."
आज यूँ ही अचानक,
चल पड़ा यादों का कारवाँ,
और जा पहुँचा दस्तक देने,
मेरे दिल की चौखट पर।... dadi maa
फिर मन के हारे हार कर,
चली मैं उस एक डगर;
पलकों को नम किये हुए,
शुरू किया एक सफर।
खो गई दादी की कहानियाँ
गुज़रा कोई ज़माना है,
बाबा के संग खेलना,
अब सपना कोई पुराना है।
जा चुके परलोक वो,
बचपन जिया था जिनके संग;
जर्जर हो चुकी वो इमारत,
बुनियाद की मिट चुकी उमंग।... dadi maa
गोद में ले घुमाते जिनमें
अब जा चुके वो मेले;
उनके स्नेह की छाया अब नहीं,
जिसमें दिन-रात कभी खेले।
एक अरसे से पड़ी धूल
जम चुकी थी उस किवाड़ पर,
वो जो घर था मेरा कभी,
अब रह गया मकान भर।
**********************
मेरी प्यारी दादी-माँ,
सब से न्यारी दादी-माँ।
बड़े प्यार से सुबह उठाए,
मुझको मेरी दादी-माँ।... dadi maa
नहला कर कपड़े पहनाए,
खूब सजाए दादी-माँ।
लेकर मेरा बैग स्कूल का,
संग-संग जाए दादी-माँ।
आप न खाए मुझे खिलाए,
ऐसी प्यारी दादी-माँ ।
ताज़ा जूस, गिलास दूध का,
हर रोज़ पिलाए दादी-माँ।
सुंदर कपड़े और खिलौने,
मुझे दिलाए दादी-माँ।
बात सुनाए, गीत सुनाए,
रूठूँ तो मनाए दादी-माँ।
यह करना है, वह नहीं करना,
मुझको समझाए दादी-माँ।
लोरी देकर पास सुलाए,
ये मेरी प्यारी दादी-माँ।... dadi maa
******************
आओ तुम्हें मैं एक बात बताऊं,
एकदम सच्ची, पूरी पक्की
दादी माँ होती हैं ,
घर की नींव एकदम पक्की |
कमर झुका कर थीं वो चलती,
धीमी सी थीं उनकी चाल
दुबला-पतला शरीर था उनका ,
थे सर पे चमकते सफ़ेद बाल |
जब भी मैं परदेस से घर को आता,
उसके पास जाकर था मैं बैठता
कुछ उनसे अपनी मैं कहता,
कुछ उनकी था मैं सुनता |
अपने मन में यह सोच रहा,
खूब बड़ा बन जाऊ मैं
दादी की सेवा करके ,
जीवन को सफल बनाऊं मैं |... dadi maa
माना की उसकी उम्र थी पकी ,
लेकिन मेरी दादी नहीं थी थकी |
जीवन में तुम हमेशा अपनी दादी की सेवा करना,
फिर अपनी जेबें तुम उनकी दुआओं से भरना |
कमर झुका कर थीं वो चलती,
धीमी सी थीं उनकी चाल
दुबला-पतला शरीर था उनका ,
थे सर पे चमकते सफ़ेद बाल |
दादी माँ का क्या कहना है !
सोने -चांदी का गहन हाइ .
दया -धर्म की सूरत दादी .
ममता की है मूरत दादी ... dadi maa
अनुभव की गठरी डैड i.
जीवन की पटरइ है दादी .
माना इसकी उम्र पकी है ,
लेकिन दादी नहीं थकी है .
धीरे -धीरे चलती दादी.
आशीषों में फलती दादी .
पुरे घर का हाथ बंटाती .
जी -भर सब पर नेह लुटाती .
दादी से घर , है घर दादी .
सबसे बड़ी धरोहर दादी .
प्यारी -भरी पिचकारी दादी .
लगाती माँ से प्यारी दादी .
****************
"वो कभी घर था..."
आज यूँ ही अचानक,
चल पड़ा यादों का कारवाँ,
और जा पहुँचा दस्तक देने,
मेरे दिल की चौखट पर।... dadi maa
फिर मन के हारे हार कर,
चली मैं उस एक डगर;
पलकों को नम किये हुए,
शुरू किया एक सफर।
खो गई दादी की कहानियाँ
गुज़रा कोई ज़माना है,
बाबा के संग खेलना,
अब सपना कोई पुराना है।
जा चुके परलोक वो,
बचपन जिया था जिनके संग;
जर्जर हो चुकी वो इमारत,
बुनियाद की मिट चुकी उमंग।... dadi maa
गोद में ले घुमाते जिनमें
अब जा चुके वो मेले;
उनके स्नेह की छाया अब नहीं,
जिसमें दिन-रात कभी खेले।
एक अरसे से पड़ी धूल
जम चुकी थी उस किवाड़ पर,
वो जो घर था मेरा कभी,
अब रह गया मकान भर।
**********************
मेरी प्यारी दादी-माँ,
सब से न्यारी दादी-माँ।
बड़े प्यार से सुबह उठाए,
मुझको मेरी दादी-माँ।... dadi maa
नहला कर कपड़े पहनाए,
खूब सजाए दादी-माँ।
लेकर मेरा बैग स्कूल का,
संग-संग जाए दादी-माँ।
आप न खाए मुझे खिलाए,
ऐसी प्यारी दादी-माँ ।
ताज़ा जूस, गिलास दूध का,
हर रोज़ पिलाए दादी-माँ।
सुंदर कपड़े और खिलौने,
मुझे दिलाए दादी-माँ।
बात सुनाए, गीत सुनाए,
रूठूँ तो मनाए दादी-माँ।
यह करना है, वह नहीं करना,
मुझको समझाए दादी-माँ।
लोरी देकर पास सुलाए,
ये मेरी प्यारी दादी-माँ।... dadi maa
******************
आओ तुम्हें मैं एक बात बताऊं,
एकदम सच्ची, पूरी पक्की
दादी माँ होती हैं ,
घर की नींव एकदम पक्की |
कमर झुका कर थीं वो चलती,
धीमी सी थीं उनकी चाल
दुबला-पतला शरीर था उनका ,
थे सर पे चमकते सफ़ेद बाल |
जब भी मैं परदेस से घर को आता,
उसके पास जाकर था मैं बैठता
कुछ उनसे अपनी मैं कहता,
कुछ उनकी था मैं सुनता |
अपने मन में यह सोच रहा,
खूब बड़ा बन जाऊ मैं
दादी की सेवा करके ,
जीवन को सफल बनाऊं मैं |... dadi maa
माना की उसकी उम्र थी पकी ,
लेकिन मेरी दादी नहीं थी थकी |
जीवन में तुम हमेशा अपनी दादी की सेवा करना,
फिर अपनी जेबें तुम उनकी दुआओं से भरना |
कमर झुका कर थीं वो चलती,
धीमी सी थीं उनकी चाल
दुबला-पतला शरीर था उनका ,
थे सर पे चमकते सफ़ेद बाल |
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